देहरादून देश के प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत, उनकी धर्मपत्नी एवं 11 अन्य सैन्य अधिकारियों की दुर्भाग्यपूर्ण तथा असामायिक मृत्यु पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के कैम्प कार्यालय पर आयोजित श्रृद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान हंस फाउंडेशन की संस्थापक माता मंगला तथा कई सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। श्रृद्धांजलि सभा के दौरान सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी एवं पूर्व सैनिकों द्वारा स्वर्गीय बिपिन रावत के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित की और दो मिनट का मौन धारण करके भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि जनरल बिपिन रावत से घरेलू संबंध थे तथा उनका उत्तराखंड से खासा लगाव था। मुझे तो अभी भी बिल्कुल यकीन नहीं हो रहा कि मेरे अनन्य मित्र बिपिन रावत नहीं रहे। यह समूचे राज्य के लिए अत्यधिक भावुक और विचलित कर देने वाला पल है। उत्तराखण्ड में जन्में होने के कारण सीडीएस विपिन रावत का इस धरती के लिए विशेष लगाव रहा। शायद यही कारण था कि राज्य के सैनिक मामलों में मुझे उनसे अपेक्षा के कहीं अधिक सहयोग प्राप्त होता रहा। चाहे सेना भर्ती में राज्य के युवाओं को ऊंचाई में मिली छूट का सवाल हो या फिर राज्य में वीआरओ की स्थापना की बात, चाहे राज्य में टैरिटोरियल आर्मी की दो बटालियनें स्थापित करने का विषय हो अथवा गोरखा रेजीमेंट का भर्ती सेंटर खोलने की बात हो, मुझे उत्तराखण्ड राज्य से जुड़े हर मामले पर उनका सहयोग मिलता रहा। इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में उनका इस प्रकार कालकवलित होना मेरे लिए व्यक्तिगत तथा अपूर्णीय क्षति है। वह हमेशा ही उत्तराखंड की चिंता में लीन रहा करते थे। राज्य में स्थापित होने जा रहे सैन्यधाम के लिए हर संभव सहयोग तथा संसाधन देने के लिए वह बढ़-चढ़ कर सहयोग करते रहे।
हंस फाउंडेशन की संस्थापक माताश्री मंगला ने कहा कि सीडीएस रावत का इस तरह हमसे छिन जाना अत्यधिक दुर्भाग्यपूर्ण है। इस महान हस्ती का जाना राष्ट्र की एक ऐसी क्षति है, जिसकी पूर्ति करना असंभव है। उन्होंने कहा कि अमर शहीदों की याद में बनाया जा रहे सैन्यधाम के मुख्य द्वार को स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत के नाम पर बनाया जाएगा। सैन्यघाम के इस भव्य प्रवेश द्वार के निर्माण में हंस फाउण्डेशन पूर्ण सहयोग करेगा।
इस सभा में हंस फाउंडेशन से मंगला माता, लेफ्टिनेंट जनरल शक्ति गुरुंग, मेजर जनरल केडी सिंह, मेजर जनरल शम्मी सभरवाल, बिग्रेडियर केजी बहल, बिग्रेडियर पीपीएस पाहवा, कर्नल दिलीप पटनायक, कर्नल रघुवीर सिंह भण्डारी, भाजपा मण्डल अध्यक्ष पूनम नौटियाल, राजीव गुरूंग, जिला पंचायत उपाध्यक्ष दीपक पुण्डीर, आरएस परिहार, पार्षद भूपेन्द्र कठैत, संजय नौटियाल, कमल थापा सहित सैकड़ों पूर्व सैनिक एवं पार्टी कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।
उत्तराखण्ड से रहा सीडीएस का विशेष लगाव:
उत्तराखण्ड के युवाओं को सेना भर्ती के ऊंचाई मानकों में उन्हीं की बदौलत 05 सेंटीमीटर की छूट मिली।
राज्य के युवाओं को सेना भर्ती में अवसर प्रदान करने के लिए पिथौरागढ़ में बीआरओ की स्थापना के लिए सैद्धांतिक सहमति दे चुके थे विपिन रावत।
मेरे सुझाव पर राज्य के दोनों मण्डलों में टैरिटोरियल आर्मी की एक-एक बटालियन स्थापित करने के लिए सैद्धांतिक सहमति दे चुके थे विपिन रावत।
उत्तराखण्ड में गोरखा रेजीमेंट का भर्ती सेंटर खोलने की सहमति प्रदान कर चुके थें सीडीएस रावत।