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Friday, November 22, 2024

आधार कार्ड से लोन दिलाने के नाम पर देश भर के लोगों से लाखों रुपए की धोखाधड़ी, देहरादून का वसंत विहार बना साइबर क्राइम का अड्डा : एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 2 को दबोचा,

आज एसटीएफ उत्तराखंड को सूचना प्राप्त हुई की प्रधानमंत्री योजना के नाम पर आधार कार्ड से लोन दिलाना जिस पर मात्र 1% ब्याज व 50% की छूट का झांसा देकर तथा मोबाइल टावर अपनी जमीन पर लगवाने के नाम पर ज्यादा से ज्यादा किराया देना, विभिन्न प्रकार की घर बैठे बैठे नौकरी देने के नाम पर झांसा दिया जाता है, जिसमें उनसे रजिस्ट्रेशन के नाम पर और इंश्योरेंस के नाम पर सर्विस टैक्स सर्विस टैक्स, सिक्योरिटी मनी के नाम से अलग-अलग समय पर मिलाकर 40000 से ₹50000 एक व्यक्ति से ठग लिया जाता है।और उपरोक्त कॉल सेंटर भी ऐसे ही व्यक्तियों से जुड़ा था,सूचना पाकर एक दर्जन से ज्यादा युवतियां मौके से सामान छोड़ कर निकल गई। टीम द्वारा मौके से दर्जनों डेस्कटॉप,दस्तावेज,लाखो कस्टमर के मोबाइल नंबर,आदि बरामद हुए है जो साइबर ठगी के लिए इस्तमाल हो रहे थे। दो लैपटॉप लगभग दो दर्जन मोबाइल,कॉलिंग हेतु प्रयोग होने वाले, अलग से दर्जनों सिम, देश के अलग-अलग राज्यों के व्यक्तियों के लाखों मोबाइल नंबर हिसाब किताब रखने वाले रजिस्टर जो साइबर ठगी में प्रयोग किए जा रहे थे मौके से बरामद किए गए हैं। यह कार्य विगत कुछ माह से चल रहा था जिसमें पूरे भारतवर्ष से लगभग हजारों लोगों को ठगा गया है और 70 से 80 लाख रुपए की धोखाधड़ी की संभावना है।

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उपरोक्त कॉल सेंटर अनुराग चौक के पास बीएफसी रेस्टोरेंट की उपरी मंजिल में थाना वसंत विहार में चल रहा था।
गिरफ्तार अभियुक्तों में दीपक राज शर्मा पुत्र राम लोक शर्मा चिद्दारपत्ति सुल्तानपुर विकास उर्फ राम भजन पुत्र उमेश शर्मा निवासी जिधर भट्टी सुल्तानपुर तथा मौके से फरार सोहित पुत्र अज्ञात निवासी धामपुर का पता चला है।
एसटीएफ की रेड के दौरान कई युवतियां फरार उपरोक्त खुलासे को लेकर सी. ओ. अंकुश मिश्रा के नेतृत्व में एसटीएफ व साइबर टीम का गठन किया गया और विभिन्न स्थानों पर रेड की गई। पूछताछ में अभियुक्त द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा दिल्ली से एक टेक्स्ट बल्क मैसेज अलग-अलग राज्यों में अपने फर्जी नंबर देकर कई हजार लोगों को सेंड कराया जाता है, जिसमें उनके द्वारा दिए गए नंबरों पर पीड़ित व्यक्तियों के द्वारा कॉल किया जाता है और वो उन्हें लैपटॉप में फर्जी उनके लोन के दस्तावेज बनाकर सेंड कर देते हैं और वह इन दस्तावेजों के झांसे में आकर हमें प्रथम बार में रजिस्ट्रेशन के नाम पर 600 से एक हजार रुपए फिर इंश्योरेंस के नाम पर 10 से ₹15000 टैक्स सर्विस के नाम पर ₹10000 के आसपास फिर सिक्योरिटी मनी के नाम से 10000 से ₹15000 रुपए अपने फर्जी अकाउंट में जमा करा लेते हैं।
उसके बाद उनसे अलग अलग झांसे देकर जो रकम दे सकता है वह ले लेते हैं कस्टमर के ज्यादा कॉल करने पर वह नंबर स्विच ऑफ कर देते हैं या उससे हफ्ता 10 दिन की मांग करते हैं।

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