
नेशनल हैंडलूम एक्सपो में महिलाओं को कर्नाटक की साड़ियां खूब लुभा रही है और यह साड़ियां कुछ इतनी खास हैं कि ना चाहते हुए भी महिलाएं इनकी तरफ आकर्षित हो रही है और खूब जमकर खरीदारी कर रही है ।कर्नाटक आउटलेट में कई अलग-अलग प्रकार के उत्पाद हैं जैसे कांजीवरम जिसकी कीमत लगभग 6000-80000 है, मैसूर रेशम की लागत लगभग 8000-24000, बेंगलुरु रेशम की लागत लगभग 1500-15000 और रासी रेशम की कीमत लगभग 1200-3500 है। ये सभी प्राकृतिक वेजिटेबल डाई से रंगे हुए हैं। सबसे प्रसिद्ध साड़ी कांजीवरम जो की 100% रेशम से बनी होती है। भारतीय कांचीपुरम साड़ी बनाने की प्रक्रिया धागा तैयार करने के कार्य से शुरू होती है, जिसका उपयोग बुनकर के करघे में किया जाता है। इसमें पहले धागे को घुमाना और फिर उसे धूप में सुखाना और सुखाना शामिल है। साड़ी का बॉर्डर, बॉडी और पल्लू अलग-अलग बुनकर बनाते हैं। फिर, वह उन्हें एक अत्यंत तंग जोड़ में एक साथ जोड़ देता है। भारत की कांजीवरम सिल्क साड़ियों की बनावट, रंग और डिजाइन की विशालता अविश्वसनीय है।
राजस्थान के हथकरघा में कई तरह की सिंगल और डबल बेडशीट, एसी रजाई और बेड कवर हैं। ये सभी कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित हैं। अलग-अलग रंगों वाला अनोखा पैटर्न ग्राहकों को आकर्षित कर रहा है और इसकी खूबसूरती और कारीगरों द्वारा की गई मेहंदी से जनता इसे खरीद रही है वही राजस्थान के किरण फैब आउटलेट पे अनेक वैरायटी की साड़ियां हैं जैसे कोटा साड़ी, माहेश्वरी साड़ी, कॉटन सूट, ड्रेस मटीरियल, माहेश्वरी सूट, लिनन कॉटन साड़ी और ब्लॉक रनिंग मटीरियल। ये सभी प्राकृतिक वेजिटेबल डाई और कारीगरों द्वारा किए गए हैंड ब्लॉक प्रिंट से रंगे हुए हैं। इन सब में सबसे प्रसिद्ध है महेश्वरी साड़ी जिसकी कीमत लगभग 4500 है।