विधानसभा 2022 के चुनाव को लकर हर एक राजनितिक पार्टियां अपने चुनाव प्रचार में तीव्रता ला रही है तो वहीं आम आदमी पार्टी ने भी कुमाऊं में चुनाव अभियान तेज कर दिया है। बता दे की दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया चार दिन के कुमाऊं दौरे के तहत गुरुवार को हल्द्वानी पहुंचे है । इस दौरान उन्होंने जनसभा में लोगों से बेहतर उत्तराखंड बनाने हेतु आम आदमी पार्टी को मतदान करने देकी अपील की।
वहीं गुरुवार शाम हल्द्वानी के रामलीला मैदान में हुई जनसभा में ‘आप ‘ डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने अपना भाषण शिक्षा पर केंद्रित रखा। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने राज्य के बच्चों का भविष्य बर्बाद कर दिया है। यदि राज्य गठन के समय ही यहां व्यवस्थाएं सुधार किया गया होता तो उस समय पैदा हुए बच्चे आज 21 वर्ष की युवावस्था में प्रदेश के विकास में अहम योगदान दे रहे होते।
सिसोदिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि 21 वर्षों में भाजपा और कांग्रेस ने राज्य को बर्बाद किया है और इस बर्बादी को आम आदमी पार्टी 21 महीने में ठीक करेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टी जानती हैं कि शिक्षा व्यवस्था अच्छी कर दी तो लोग पढ़ेंगे, सवाल करेंगे और रोजगार मागेंगे। इस कारण दोनों दलों ने पढ़ाई लिखाई के सिस्टम को ही बर्बाद कर दिया।सिसोदिया ने आरोप लगाया कि दिल्ली में आप सरकार के कार्य में दिल्ली के उप राज्यपाल कई अड़ंगे लगाते हैं, बावजूद इसके हमने दिल्ली की हालत को सुधारा है। उन्होंने ये भी कहा कि उत्तराखंड राज्य में विकास की अपार संभावनाएं है और आम आदमी पार्टी अपने वादे को पूरा करेगी। सिसोदिया ने अरविंद केजरीवाल को वादे का पक्का बताते हुए कहा कि उन्होंने जो भी वादा किया है उसे पूरा करते हैं।
इस दौरान उत्तराखंड प्रभारी दिनेश मोहनिया, प्रदेश प्रवक्ता समित टिक्कू, शिशुपाल सिंह रावत, अब्दुल कादिर, पवन पांडे, संतोष कबडवाल, रईसुल हसन, बबीता चंद, त्रिलोचन जोशी, रक्षित वर्मा, दीप पांडे, रमेश कांडपाल, डीएस कोटलिया आदि मौजूद रहे।
इससे खराब स्कूल नहीं देखा
रामलीला मैदान पहुंचने से पहले दिल्ली के डिप्टी सीएम एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने लालकुआं में रेलवे कॉलोनी के पास स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया। वहां उन्होंने बच्चों और अभिभावकों से बातचीत की। विद्यालय प्रांगण में पड़े खस्ताहाल टिन शेड में बैठकर पढ़ने की व्यवस्था पर सिसोदिया ने हैरानी जताते हुए कहा कि उत्तराखंड की सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कुछ नहीं किया।