चमोली मां नंदा के सिद्धपीठ कुरुड़ से मां नंदा की लोकजात यात्रा का श्रीगणेश हो गया है। सोमवार को विधि विधान से दशोली और बधाण की मां नंदा की डोलियां कुरुड़ मंदिर परिसर में स्थापित कर दी गई है। मंगलवार को अपने भक्तों के साथ मां नंदा की डोलियां अलग अलग यात्रा पड़ावों से होते हुए कैलाश के लिए विदा हो जाएंगी।
विभिन्न गांवों में भी मां नंदा की उतोलिया कैलाश जाने के लिए तैयार हो गई हैं। आचार्य ब्राह्मण मंशाराम गौड़, मुंशी चंद्र, कन्हैया प्रसाद, मनोहर प्रसाद, हरि प्रसाद आदि ने मंदिर में मां नंदा की आरती की। महिलाओं ने मंदिर परिसर में झुमेलो नृत्य कर मां नंदा के जागर गाए। मंदिर समिति के अध्यक्ष सुखवीर रौतेला ने बताया कि 22 अगस्त को मां नंदा बधाण की डोली विभिन्न पड़ावों से होते हुए नंदा सप्तमी को वेदनी पहुंचेगी, जबकि दशोली की मां नंदा की डोली बालपाटा पहुंचेगी।विधि-विधान से वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ सिद्घपीठ कुरुड़ मंदिर के गर्भगृह से दशोली और बधाण की मां नंदा की डोलियां मंदिर परिसर में विराजमान हो गई हैं। दो दिनों तक मां नंदा की डोलियों के भक्तगण दर्शन कर सकेंगे।