उत्तराखण्ड : राज्य में लगातार स्कूल बसों से होने वाले हादसों की बढ़ते ग्राफ को देखते हुए परिवहन विभाग ने हादसों की रोकथाम के लिए बच्चों की सुविधा एवं सुरक्षा के दृष्टि गत स्कूल बसों के लिए नई गाइड-लाइन बना दी है। आपको बता दें परिवहन मुख्यालय ने इस गाइड-लाइन को पूरे राज्य भर के लिए जारी कर दिया है। संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह की तरफ से जारी गाइड-लाइन में चालकों को लेकर नियम कड़े किए गए हैं। इन नियमों को देखकर अभिभावक खुद भी आश्वस्त कर सकते हैं कि आपका बच्चा सुरक्षित सफर कर रहा है।
स्कूल बसों की नई गाइड-लाइन-
1- बस चालक को न्यूनतम पांच साल का भारी वाहन चलाने का अनुभव होना जरूरी।
2- चालक का पुलिस सत्यापन अनिवार्य।
3- अगर चालक का परिवहन नियम तोडऩे पर पूर्व में दो बार चालान हुआ है तो स्कूल बस चलाने के लिए अयोग्य।
4- यदि चालक का एक बार ओवरस्पीड, खतरनाक ढंग या फिर शराब पीकर वाहन चलाने में चालान हुआ है तो ऐसा चालक प्रतिबंधित रहेगा।
6- निर्धारित संख्या से अधिक छात्र बैठाना प्रतिबंधित व स्कूल बैग रखने की समुचित व्यवस्था होना अनिवार्य।
7-स्कूल वाहन निर्धारित गति पर संचालित किए जाएं। स्पीड गर्वनर अनिवार्य।
8- जिन वाहन का उपयोग छात्राओं को ले जाने में होता है, उसमें महिला सहायक का होना अनिवार्य।
9- परिचालक की योग्यता केंद्रीय मोटरयान नियमावली के अनुसार होनी अनिवार्य।
10- सुरक्षा के लिए बंद दरवाजा अनिवार्य। खुले दरवाजे वाले वाहन प्रतिबंधित।
11- चालक को बच्चों के नाम, पते, ब्लड ग्रुप, रूट प्लान व रुकने के प्वाइंट की पूरी जानकारी होना अनिवार्य।
12- वाहन में फर्स्ट एड बाक्स व अग्नीशमन यंत्र होना अनिवार्य।