रामनगर। अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम पर सवाल उठाते हुए पूर्व कांग्रेस विधायक रणजीत सिंह रावत ने कहा है कि यह बीजेपी का राजनीतिक कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि जिस कार्यक्रम को देश के शंकराचार्यो और धर्माचार्यो द्वारा गलत बताया जा रहा हो और उसमें भाग लेने से इनकार कर रहे हो वह कैसे धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम हो सकता है।
रणजीत सिंह रावत का कहना है कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में राम मंदिर निर्माण का राजनीतिक लाभ लेने के लिए यह सब कर रही है जो अनुचित है। उनका कहना है कि शंकराचार्यो का मानना है कि आधे अधूरे मंदिर निर्माण कार्यों के बीच प्राण-प्रतिष्ठा कराया जाना अनुचित है और धर्म संम्मत नहीं है। लेकिन फिर भी भाजपा के नेताओं द्वारा सब कुछ अपनी मर्जी और अपने द्वारा तय कार्यक्रम के अनुरूप ही करना है तो करें। आपको भला कोई कैसे रोक लेगा। उन्होंने कहा कि राम मंदिर बनने की खुशी तो हर हिंदू और हिंदुस्थानी को है लेकिन भाजपा के किसी कार्यक्रम में सभी की रुचि हो यह तो जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर यह बीजेपी का राजनीतिक कार्यक्रम है तो इसमें अन्य दलों के नेता क्यों शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि यह मैं नहीं कह रहा हूं देश का हर आम आदमी जानता है कि भाजपा को राम मंदिर और राम से कितना और इस पर की जाने वाली राजनीति से कितना सरोकार है। भाजपा अब धर्माचार्यो और शंकराचार्यो की बात भी नहीं सुनना या मानना चाहती है यह उसकी अपनी सोच है। मेरी अगर राम में श्रद्धा है तो मैं कभी भी अयोध्या जाकर श्री रामलला के दर्शन कर सकता हूं। उसके लिए मुझे न तो भाजपा के न्यौते की जरूरत है और न अनुभूति की। उन्होंने कहा कि भाजपा किस तरह की राजनीति करती है और वोटो के धु्रवीकरण के लिए कुछ भी कर सकती है कह सकती है, इस सच को अब देश की जनता जान चुकी है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में वह जिन सामाजिक सरोकारों को लेकर देश की जनता को जागरूक करने निकले हैं उसका फायदा कांग्रेस को जरूर होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस 2024 के चुनाव में बहुत बेहतर प्रदर्शन करेगी उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस को बड़ी सफलता मिलेगी।