हरिद्वार। रुड़की में मृतकों के नाम पर भी राशन बांटा जा रहा था। जांच में ये जानकारी सामने आने के बाद मामले में राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने हरिद्वार के जिला खाद्य पूर्ति अधिकारी को व्यक्तिगत तलब किया, तो क्षेत्रीय खाद्य पूर्ति अधिकारी को जांच रिपोर्ट पर बिंदुवार स्पष्टीकरण के साथ बुलाया है।
रुड़की के रतनपुर निवासी मुर्तजा ने राशन विक्रेता से राशन वितरण संबंधी जानकारी सूचना का अधिकारी अधिनियम के तहत मांगी थी। राशन विक्रेता ने दस्तावेज गुम होने की बात कही। इसके खिलाफ अपील करते हुए मुर्तजा राज्य सूचना आयोग पहुंचे। आयोग ने मामले की जांच के निर्देश दिए। क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी रुड़की ने मामले की जांच की।
उन्होंने अपनी रिपोर्ट में बताया, 16 राशन कार्ड की जांच की गई। इनमें ये तथ्य सामने आया कि जांच रिपोर्ट पर जिला खाद्य पूर्ति अधिकारी ने गंभीरता से कार्रवाई नहीं की है। राज्य सूचना आयुक्त भट्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान आदेश दिया कि 20 दिसंबर की अगली सुनवाई में जिला पूर्ति अधिकारी व्यक्तिगत तौर पर आयोग के समक्ष पेश होंगे।
वहीं, क्षेत्रीय खाद्य पूर्ति अधिकारी रुड़की भी अपनी जांच के हर बिंदु पर स्पष्ट आख्या के साथ आयोग के सामने पेश होंगे। इसी दौरान पूर्व में जारी कारण बताओ नोटिस की भी सुनवाई होगी। आयोग ने ये माना कि विभाग में कार्डधारकों के सत्यापन की कोई व्यवस्था नहीं है।
उन्होंने सूचना में विलंब पर क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी को ये भी कहा कि क्यों न उन पर 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 25 हजार का जुर्माना भी लगा दिया जाए। सूचना आयुक्त ने ये स्वीकार किया कि अब तक हुई जांच से ये तो तय माना गया है कि मृतकों के नाम से भी राशन दिया जा रहा है, जो सरासर गलत है।