उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून से एक बेहद हैरान और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां एक कलयुगी बेटी ने केवल अपने दोस्त को बचाने के लिए अपने ही पिता पर दुष्कर्म जैसा घिनौना और बेहद गंभीर आरोप लगा दिया था। बेटी का आरोप था कि उसका पिता उसके साथ कई माह से दुष्कर्म करता आ रहा है। जिसके बाद पुलिस ने पिता को आरोपी मानते हुए मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की। तो वहीं, दो वर्ष तक यह मामला कोर्ट में चला जिसके बाद न्यायालय ने पिता को निर्दोष मानते हुए बाई इज्जत बरी कर दिया है।
आपको बताते चले की , यह प्रकरण न्यायालय में करीब दो वर्ष तक चलता रहा है। जिसके बाद गुरुवार को विशेष जज पोक्सो मीना देऊपा की कोर्ट ने बचाव पक्ष की दलीलों को भी सुना। जिसके बाद न्यायालय ने बेटी के बयानों को विरोधाभासी मानते हुए पिता को न्याय देते हुए बरी कर दिया है। कोर्ट का मानना है कि पीड़िता ने अपने पिता से नफरत के चलते व आरोपियों में से एक युवक से शादी करने को लेकर यह गंभीर आरोप लगाया था। साथ ही वहीं, बचाव पक्ष के अधिवक्ता आशुतोष गुलाटी ने बताया कि ऋषिकेश कोतवाली में जुलाई 2020 को मुकदमा दर्ज कराया गया था। शुरुआत में युवती के पिता ने दो युवकों पर दुष्कर्म का आरोप लगते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल और फिर मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज कराए। मजिस्ट्रेटी बयान में वह पहले पुलिस के समक्ष दिए मौखिक बयान से पलट गईऔर उसने आरोपियों में से एक युवक को अपना दोस्त बताते हुए कहा कि वह उससे शादी करना चाहती है। पीड़िता ने अपने पिता पर आरोप लगाया कि वह उसके साथ कई माह से दुष्कर्म करता आ रहा है। ये ही नहीं उसने साथ ही कहा कि अब वह इन युवकों को फंसाने की बात कर रहा था। युवती के बनायों के आधार पर पुलिस ने पिता को दुष्कर्म का आरोपी मानते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की।