उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में पाया जाने वाला बुरांस का फूल प्रतेक वर्ष की भांति इस वर्ष भी खिल चुका है लेकिन इस साल काफी अधिक मात्रा में खिला हुआ है जिस कारण ऊंचाई वाले पहाड़ों में इस वक्त काफी खूबसूरती बनी हुई है,पहाड़ी क्षेत्र दुल्हन की तरह सजे हुए दिखाई दे रहे है। बुरांश के पेड़ दूर से ही काफी खूबसूरत नजर आ रहे हैं, आपको बता दें कि बुरांश का पुष्प कई रंगों में पाया जाता है, और सबसे ज्यादा महत्व तो लाल रंग के बुरांश का माना जाता है, इसका जूस पीने से शरीर के कई बड़े-बड़े रोग दूर हो जाते हैं, आयुर्वेदिक में काफी लाभकारी माना गया है बुरांश के जूस को, हालांकि बुरांश का पुष्प उत्तराखंड के कई जिले में पाया जाता है, लेकिन सबसे ज्यादा यह बुरांश का पुष्प चमोली जिले के जोशीमठ के ऊपरी इलाकों में पाया जाता है। जिस कारण यहां के अधिकांश ग्रामीण इसके फूलों को तोड़कर इसका जूस तैयार करते हैं और साथ में इसकी चटनी भी तैयार करते हैं। स्थानीय ग्रामीणों की माने तो जिस वर्ष अधिक मात्रा में बर्फबारी होती है तो उसी वर्ष बुरांश के पुष्प की पैदावारी भी जमकर हो जाती है और पिछले वर्ष निचले इलाकों में भी जमकर बर्फबारी देखने को मिली जिस कारण इस वर्ष बुरांश का पुष्प काफी अच्छी मात्रा में खिला हुआ नजर आ रहा है, जिस कारण यहां के अधिकांश लोग इस बुरांश के फूल को तोड़ कर अपने नजदीकी जूस बनाने वाले फैक्ट्रियों में ले जाकर इसका जूस तैयार कर रहे हैं।