राज्य में आगामी वर्ष 2022 में होने वाले चुनावी रण में प्रचार की जिम्मेदारी पूर्व सीएम हरीश रावत संभालेंगे। कांग्रेस नेतृत्व नेआने वाले विधानसभा चुनाव को मध्यनजर रखते हुये अपनी सेना का ऐलान कर दिया है।वहीं दिग्गज नेता हरीश रावत को चुनाव प्रचार की कमान सौंपी दी गई है। कांग्रेस अध्यक्ष पद से विदा हुए हैवीवेट प्रीतम सिंह नेता विधायक दल बनाए गए है। गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिली है। इस तरह प्रदेश की सत्ता में वापसी का ख्वाब देख रही कांग्रेस ने किसी एक खेमे को तरजीह देने के बजाय सबको साथ लेने और खुश करने की कोशिश की है।
चुनाव प्रचार की कमान पूर्व सीएम हरीश रावत को भलेही दी गई है, परन्तु चुनाव सामूहिक नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। हरदा के खिलाफ माने जाने वाले दूसरे खेमे के नेताओं को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपकर पार्टी ने अपनी मंशा साफ कर दी है। कार्यकारिणी का ऐलान करते समय पार्टी ने खेमों के संग ही क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों पर अभ्यास करना के लिए एक प्रदेश अध्यक्ष तथा चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का फॉर्मूला लागू किया है ।
इसी प्रकार का फॉर्मूला पंजाब में भी अपनाया गया था। कांग्रेस आलाकमान ने राज्य में हरीश रावत के कद को ध्यान में रखकर संगठनात्मक और अन्य बदलाव में उनकी सलाह को श्रेष्ठता तो दी, परन्तु उनके विरोधी नेताओं को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारीदेकर चुनाव को लेकर पार्टी की रीति और नीति साफ कर दी है । कांग्रेस ने एक अध्यक्ष, चार कार्यकारी अध्यक्ष, नेता विधायक दल एवं कोषाध्यक्ष के साथ चुनाव अभियान समिति समेत 10 समितियां गठित कर सभी खेमों को एडजस्ट करने की रणनीति अपनाई है ।
लंबी कोशिशों के पश्चात कांग्रेस हाईकमान ने गुरुवार को प्रदेश अध्यक्ष और नेता विधायक दल समेत अहम् पदों पर वरिष्ठ नेताओं की ताजपोशी की गयी । हालाँकि ये बात और है कि कांग्रेस के राज्य संगठन में नए फेरबदल और नई समितियों के गठन करने के पश्चात असंतोष के सुर भी सुनाई देने लगे हैं। धारचूला विधायक हरीश धामी ने कुछ नियुक्तियों पर प्रश्न उठाते हुए पार्टी छोड़ने की धमकी दी है, तो वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात भी नाराज हैं। उन्होंने घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष पद की कमान संभालने से इंकार कर दिया है।