उत्तराखंड सहकारिता विभाग के अंतर्गत राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अधीन सेब फेडरेशन के कार्य जमीन पर दिखने लगे हैं।सेब के लिए मशहूर क्षेत्र उत्तरकाशी जनपद के हर्षिल में महत्वपूर्ण कोल्ड स्टोरेज को लेने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। इसमें सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत,
शासन सचिव श्री आर मीनाक्षी सुंदरम रुचि ले रहे हैं। इन्हीं के निर्देश पर सेब का काम गतिमान है।
सेब उत्पादको को उचित मूल्य बाग में मिलने जा रहा है।
उत्तराखंड सेब उत्पादक एवं विपणन सहकारी संघ के सचिव विपिन पैन्यूली की अगुवाई मैं गुड़गांव से आई ट्रुपिक कंपनी के साथ झाला कोल्ड स्टोरेज का निरीक्षण एवं ट्रायल रन किया गया, इस स्टोरेज की क्षमता 12 सौ मीट्रिक टन है जिसमें से 1000 मीट्रिक टन सीए है 200 मेट्रिक टन सीएस है साथ ही इसमें यह भी आदेश है कि इसमें से 200 मीट्रिक टन का एक चेम्बर एक रुपए 10 पैसे प्रति किलो के हिसाब से किसानों के लिए आरक्षित रखा जाएगा जिस पर केवल किसान का ही अधिकार होगा अब बची 800 मीट्रिक टन की कैपेसिटी मैं से केवल 330 मीट्रिक टन ही यूज़ हो पायेगा क्यूंकि इस स्टोर मैं अभी केवल क्रेटस मैं ही माल रखा जा सकता है और दूसरा कोई ऑप्शन नही है, इस स्टोर को फुल कैपेसिटी पर चलाने के लिए इसमें बिन्स और वाटर ग्रेडिंग लाइन का इन्वेस्टमेंट करना पड़ेगा जिसकी मिनिमम कॉस्ट रूपये 5 करोड़ होगी।
अतः आज की डेट में इस कोल्ड स्टोरेज की क्रेट्स में क्षमता केवल 400 मेट्रिक टन रह गई है अतः जो भी कंपनी या उत्तराखंड एप्पल फेडरेशन इस कोल्ड स्टोरेज को चलाता है तो उसकी कैपेसिटी 400 मेट्रिक टन ही होगी इसी क्रम मैं दूसरे दिन अदानी ग्रुप के टेक्निकल टीम के साथ इस कोल्ड स्टोरेज का फुल ट्रायल रन किया गया जिसमें उत्तराखंड एप्पल फेडरेशन के सचिव श्री विपिन पैनली द्वारा बताया गया कि इस 400 मीट्रिक टन की कैपेसिटी को भरने के लिए जो 24000 क्रेटस है उसके अलावा भी मिनिमम 10000 क्रेटस और चाहिए होंगी ताकि सेब की तुड़ान दुलान कार्ययोजना को स्मूथ बनाया जा सके उनके द्वारा यह भी बताया गया कि इस स्टोर का ऑफ सीज़न इस्तेमाल भी केवल अप्रैल-मई और जून के माह में ही हो पायेगा क्योंकि जनवरी और फरवरी में यहां पर काफी बर्फबारी होती है जिसके कारण इस कोल्ड स्टोरेज को खोल पाना संभव नहीं है, इस मौके पर अदानी ग्रुप के टेक्निकल पर्सन श्री पंकज मिश्रा के साथ उनकी पूरी ग्राउंड लेबल टीम एवं सुखी, झाला, जसपुर, पुराली, हर्षिल, बगोरी, धराली और मुखवा सेब उत्पादक सहकारी समितियों के सभी पदाधिकारी एवं मेंबर फार्मर मौजूद थे।