उत्तराखंड देवभूमि में नजाने कितने अनगिनत तीर्थस्थल और कई पर्यटक स्थल है जो की उत्तराखंड की इस सुन्दर पर्यायवरण को चार चांद लगा देता है। तो वहीं विश्व धरोहर फूलों की घाटी बुधवार यानि की आज से पर्यटकों के लिए खुलने जा रही है। पर्यटन विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। पर्यटकों की सभी जरूरतों का ख्याल रखा जाएगाऔर ये सभी सैलानियों के लिए एक खुशखबरी है।
आपको बता दे की फूलों घाटी में लगभग 300 से ज्यादा प्रजातियों के फूल पाए जाते हैऔर अब बुधवार को फूलों की घाटी का दीदार करने के लिए पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी। वहीं सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि विभागीय स्तर पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने बताया कि समुद्रतल से 3962 मीटर ऊंचाई पर यह घाटी 87.5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली है। फूलों की घाटी नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व में आती है। यह जगह कुछ रंगीन और अविश्वसनीय फूलों जैसे गेंदा और ऑर्किड से बसी पड़ी है। इसके अलावा, इस क्षेत्र में पक्षियों, तितलियों और जानवरों को भी काफी अच्छी संख्या में देखा जा सकता है।
फूलों की घाटी एक जून से अक्तूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहेगी। आपको बता दे की पूरी घाटी दुर्लभ और विदेशी हिमालयी वनस्पतियों से भरपूर है। घाटी में फूलों की 300 से अधिक प्रजातियां पाईं जाती हैं, जिनमें एनीमोन, जेरेनियम, प्राइमुलस, ब्लू पोस्पी और ब्लूबेल शामिल हैं और घाटी में देखने के लिए सबसे खूबसूरत फूल ब्रह्म कमल का है, जिसे उत्तराखंड का राज्य फूल भी कहा जाता है। पर्यटन सचिव के मुताबिक फूलों की घाटी ब्रिटिश पर्वतारोही और वनस्पति शास्त्री, फ्रैंक एस स्मिथ की 1931 में की हुई आकस्मिक खोज थी। इसे यूनेस्को ने 2005 में विश्व धरोहर घोषित किया था।