देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल ने उत्तराखंड राज्य की वरिष्ठ आंदोलनकारी सुशीला बलूनी के निधन पर पार्टी कार्यालय में शोक सभा करके भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर सुशीला बलूनी को याद करते हुए वक्ताओं ने कहा कि बलूनी जी योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। हमेशा सरल मृदुल स्वभाव के साथ जनसेवा के लिए तत्पर रहना ये उनकी असली पहचान थी। उत्तराखंड राज्य आंदोलन कि अग्रिम पक्ति की नेता रही। उक्रांद में रहते हुए सन 1994 में कचहरी देहरादून में राज्य के लिए भूख हड़ताल शुरू की। पहाड़ के गाँधी स्वव इंद्रमणि बडोनी जी के साथ राज्य आंदोलन के संघर्ष में विश्वनीय रही। बडोनी जी हमेशा सुशीला बलूनी के संघर्षो कार्यों की भूरी भूरी प्रशंसा करते थे। सुशीला बलूनी हमेशा राज्य वासियों के दिलों में रहेगी।इस अवसर पर सुनील ध्यानी, दीपक गैरोला, बिजेंद्र रावत, सुलोचना ईष्टवाल, मनोज ममगाई, किशोर रावत, संजय डोभाल, राजेंद्र गुसाई, विनोद कोठियाल आदि उपस्थित रहे।