उत्तराखंड क्रांति दल ने आज डोईवाला में सशक्त भू कानून बनाए जाने की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का पुतला फूंका।
इस मौके पर उत्तराखंड क्रांति दल के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की तथा भू कानून खत्म किए जाने को लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश व्यक्त किया। उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने अपने संबोधन में कहा कि जनता ने भाजपा को प्रचंड बहुमत दिया लेकिन सरकार ने भू कानून और चकबंदी विभाग खत्म करके किसानों को भू माफिया के हवाले कर दिया है। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर भू माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि डोईवाला के सिंधवाल गांव लेदड़ी, सूर्यधार आदि जगह-जगह ग्रामीणों की अंधाधुंध जमीनें बाहरी लोगों को बेच दी गयी हैं। उत्तराखंड क्रांति दल के जिलाध्यक्ष केंद्रपाल सिंह तोपवाल ने कहा कि जब तक सशक्त भू कानून लागू नहीं हो जाता, यह आंदोलन जारी रहेगा। महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने कहा कि डोईवाला के विधायक तथा तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र रावत ने ही भू कानून समाप्त कराया है, इसलिए उन्हीं की विधानसभा से इस आंदोलन को पूरे उत्तराखंड में फैलाया जाएगा।
युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष अंकित घिल्डियाल ने अपने संबोधन में कहा कि अगले चरण में उत्तराखंड के सभी जिला मुख्यालयों पर भू कानून के समर्थन में प्रदर्शन किए जाएंगे। उत्तराखंड क्रांति दल की महिला मोर्चा नगर अध्यक्ष बीना नेगी ने कहा कि डोईवाला में सैकड़ों बीघा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे हो चुके हैं, लेकिन सरकार भू माफिया को ही संरक्षण दे रही हैं। उन्होंने हिमाचल की तर्ज पर भू कानून लागू किए जाने की की मांग की है। उत्तराखंड क्रांति दल के इस कार्यक्रम में तमाम केंद्रीय पदाधिकारियों सहित मंत्री ब्लॉक अध्यक्ष अंकित कुड़ियाल, जिला महामंत्री दिनेश सेमवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष धर्मवीर गुसाईं, वार्ड अध्यक्ष अवतार बिष्ट, नगर महामंत्री पंकज तिवारी, पिंकी थपलियाल, विमल उनियाल, रमेश उनियाल, दामोदर जोशी, सुरेंद्र चौहान, प्रभाकर तिवारी, निर्मला भट्ट, तारा देवी यादव, बीना नेगी, पूनम देवी, भावना मैठाणी, कमला देवी, शोभा देवी, अशोक तिवारी , अंशुमान, शुभम रावत, प्रदीप सिंह, मनीष खत्री, दीपक सिंधवाल,योगी पंवार, दीपक नेगी, मोहित सिंधवाल, मोनू सिंधवाल, रूपेश सिंधवाल, सुमित सिंधवाल, सार्थक सेमवाल, राहुल रावत, विवेक रौथाण, सहित दर्जनों पदाधिकारी और सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल थे।