UKPSC ने रद्द की इंटर कॉलेजों के प्रधानाचार्य की भर्ती परीक्षा, शासन ने वापस लिया अधियाचन

देहरादून: उत्तराखंड के राजकीय इंटर कॉलेजों और राजकीय बालिका इंटर कॉलेजों में प्रस्तावित प्रधानाचार्य एवं प्रधानाचार्या पदों पर सीमित विभागीय भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ( UKPSC) ने यह निर्णय शिक्षा विभाग के अनुरोध पर लिया है।

जानकारी के अनुसार, शिक्षा सचिव ने 30 अक्तूबर को आयोग को पत्र भेजकर शासन की ओर से पूर्व में भेजे गए अधियाचन (requisition) को वापस लेने का अनुरोध किया था। इस अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए UKPSC ने आगामी 8 फरवरी 2026 को प्रस्तावित प्रधानाचार्य सीमित विभागीय परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया है। आयोग के सचिव आलोक पांडेय ने शिक्षा सचिव को औपचारिक पत्र भेजकर रद्दीकरण की पुष्टि की है।

प्रधानाचार्यों के 1184 पद रिक्त

उत्तराखंड के राजकीय इंटर कॉलेजों (RIC) में प्रधानाचार्य के कुल 1385 स्वीकृत पदों में से 1184 पद वर्तमान में रिक्त हैं। सरकार ने इन रिक्तियों को भरने के लिए 50 प्रतिशत पदों पर सीमित विभागीय परीक्षा (Limited Departmental Examination) के माध्यम से भर्ती का निर्णय लिया था, जबकि शेष पदों को प्रत्यक्ष भर्ती प्रक्रिया से भरा जाना था। लेकिन अब अधियाचन वापस होने के बाद पूरी विभागीय भर्ती प्रक्रिया रुक गई है।

विद्यालयों में प्रशासनिक कार्यों पर असर

राज्य सरकार ने कुछ महीने पहले निर्णय लिया था कि इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य पदों की 50 प्रतिशत रिक्तियों को विभागीय परीक्षा के माध्यम से भरा जाएगा। ताकि राजकीय शिक्षकों को प्रमोशन का अवसर मिल सके। इस निर्णय के तहत आयोग ने परीक्षा की तिथि भी घोषित कर दी थी — लेकिन अब शासन द्वारा अधियाचन वापस लेने से यह प्रक्रिया पूरी तरह रोक दी गई है। इस भर्ती प्रक्रिया के रद्द होने से अब विद्यालयों में प्रशासनिक कार्यों पर असर पड़ सकता है। शिक्षकों के प्रमोशन की उम्मीदें फिलहाल टल गई हैं, इससे हजारों विद्यार्थियों की शिक्षा पर भी अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ने की संभावना है।

.माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भेजा गया पत्र

राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष राम सिंह चौहान और महामंत्री रमेश चंद्र पैन्यूली ने इस मुद्दे पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने बताया है कि 9 अक्तूबर को शासन और संगठन के बीच वार्ता हुई थी, जिसमें 34 सूत्रीय मांगपत्र पर चर्चा हुई थी। यदि उन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो संगठन फिर से आंदोलन करने को मजबूर होगा। शनिवार यानि आज 1 नवम्बर को प्रस्तावित शिक्षा मंत्री आवास कूच को स्थगित किया गया है, अगर मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आंदोलन तेज किया जाएगा।

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