रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम बीते 31 जुलाई को जारी हो चुके हैं, इन चुनावों में कई यू ट्यूबर्स भी मैदान में उतरे थे। इन यू ट्यूबर्स के सोशल मिडिया पर भले की कई फॉलोवर्स हैं, लेकिन पंचायत चुनाव में इन्हें असफलता का सामना करना पड़ा है।
उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में यू ट्यूबर्स ने भी चुनावी मैदान में भाग लिया था। जिनमें से अधिकांश यू-ट्यूबर्स पंचायत चुनाव में हार गए हैं। रुद्रप्रयाग जिले के घिमतोली गांव से यूट्यूब दीपा नेगी चुनावी मैदान में उतरी थी। दीपा नेगी के यूट्यूब चैनल पर 1.28 लाख सब्सक्राइबर हैं। लेकिन पंचायत चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। इस चुनाव में उन्हें केवल 256 वोट मिले हैं वहीं उनके विपक्ष में उठी कविता को 480 वोट मिले हैं
यूट्यूबर दीप्ति बिष्ट को मिले 55 वोट
इसके अलावा कनालीछीना ब्लॉक की डूंगरी ग्राम पंचायत से यू-ट्यूबर दीप्ति बिष्ट प्रधान पद की उम्मीदवार थीं। यूट्यूब पर उनके 1.5 लाख सब्सक्राइबर हैं और फेसबुक पर एक लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। लेकिन पंचायत चुनाव में उन्हें केवल 55 वोट प्राप्त हुए हैं। वहीं उनकी विपक्षी राधिका देवी 79 वोट पाकर जीत हासिल की है। हल्द्वानी की बच्चीनगर ग्राम पंचायत से यू-ट्यूबर भीम सिंह भी प्रधान पद के लिए चुनावी मैदान में उतरे थे।
यू-ट्यूबर भीम सिंह भी हार गए चुनाव
यू-ट्यूबर भीम सिंह के यूट्यूब चैनल पर 21,000 सब्सक्राइबर और फेसबुक पेज पर 24,000 फॉलोअर्स हैं। लेकिन पंचायत चुनाव में उन्हें केवल 955 वोट मिले हैं, वहीं उनके विपक्ष में उठे हरेंद्र सिंह ने 1,534 वोट के साथ जीत हासिल की है। पंचायत चुनाव में इन गावों की मतगणना से यह स्पष्ट हो गया कि ग्राम प्रधान का चुनाव सिर्फ प्रचार या सोशल मीडिया की लोकप्रियता से नहीं, बल्कि ज़मीनी हकीकत, लोकसंपर्क और गांव के मतदाताओं की प्राथमिकताओं से तय होता है।
सोशल मीडिया एक भ्रम है, जो केवल चमक दिखाता है समर्थन नहीं
रुद्रप्रयाग जिले की यू-ट्यूबर दीपा नेगी ने चुनाव हारने के बाद अपने एक वीडियो में बताया है कि मैं पंचायत चुनाव हार गई हूँ। मुझे पहले से ही पता था और मैंने पहले भी कहा था कि हार-जीत होती रहती है। उन्होंने कहा कि मैंने कहा था कि अगर मैं जीत गई तो मैं सभी बुजुर्ग माताओं को अपने पूरे ग्राम सभा को बदरीनाथ धाम ले जाऊंगी। लेकिन कोई नहीं, बाकी सपने तो सपने ही रह जाते हैं। वीडियो में उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सोशल मीडिया एक भ्रम है, जो केवल चमक दिखाता है, समर्थन नहीं।