गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट खुल चुके हैं। अब केवल बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने बाकी रह गए हैं। जिसकी तैयारियां जोरों से चल रही हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल तो केदारनाथ धाम के कपाट दो मई को खुल गए। वहीं चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं में खासा उत्साह भी देखा जा रहा है।श्री बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार चार मई को प्रात: छः बजे श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खुल रहे हैं। आज शुक्रवार को पूर्वाह्न साढ़े दस बजे देवभारा यात्रा रावल अमरनाथ नंबूदरी के नेतृत्व में आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी एवं श्री गरूड़ जी और तेल कलश ने श्री नृसिंह मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना पश्चात सेना के बैंड की भक्तिमय उद्घोष के साथ प्रथम पड़ाव पांडुकेश्वर प्रवास हेतु प्रस्थान किया।भगवान बदरीविशाल के वाहन श्री गरूड़ जी महाराज को इस बार मंदिर समिति ने हक हकूकधारियों के सहयोग से पूजा-अर्चना पश्चात भव्य समारोह के बाद श्री बदरीनाथ धाम हेतु प्रस्थान कराया। ऐसा पहली बार हुआ। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने श्री गरूड़ जी की डोली सहित आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी एवं रावल जी को श्री बदरीनाथ धाम के लिए विदा किया। बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने श्री नृसिंह मंदिर ज्योर्तिमठ से बताया कि कल शनिवार तीन मई शाम को सभी देव डोलियां श्री गरूड़ जी, आदिगुरु शंकराचार्य गद्दी एवं रावल सहित पांडुकेश्वर से श्री उद्धव जी श्री कुबेर जी, गाडू घड़ा, आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी एवं रावल श्री बदरीनाथ धाम पहुंचेगे। रविवार चार मई प्रात: छ बजे श्री बदरीनाथ धाम के कपाट दर्शनार्थ खुलेंगे।