ओखलकांडा ब्लाक में स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भद्रकोट ने इस बार उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं कक्षा के परिणामों में एक अनचाहा रिकार्ड प्राप्त किया है। जिससे यह स्कूल जिले के साथ ही पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय भी बना हुआ है। क्योंकि, इसका रिजल्ट शून्य फीसदी रहा। स्कूल में एकमात्र छात्र ने परीक्षा दी और वह सभी विषयों में फेल हो गया।
ओखलकांडा ब्लाक में स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक भद्रकोट विद्यालय यह प्रदेश का पहला ऐसा स्कूल बन गया। जहां का रिजल्ट पूरी तरह शून्य रहा। बीते माह 19 अप्रैल को घोषित बोर्ड परिणामों के बाद शिक्षा विभाग की जांच में स्कूल के शून्य फीसदी रिजल्ट की बात सामने आई है।बताया जा रहा है कि एक छात्र, सात शिक्षक राजकीय हाइस्कूल भद्रकोट में प्रधानाध्यापक सहित सात शिक्षकों की तैनाती है। इनमें से एक शिक्षक (आर्ट विषय) को दूसरे स्कूल में व्यवस्था के लिए भेजा गया है, लेकिन, हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे प्रमुख विषयों के लिए शिक्षक स्कूल में मौजूद हैं।स्कूल में बीते साल कक्षा छह से 10 तक 7 छात्र शामिल रहे। इसमें कक्षा छह में दो, कक्षा सात में दो, कक्षा आठ में एक, कक्षा नौ में एक और कक्षा दस में एक छात्र शामिल है। जबकि, स्कूल में एक क्लर्क और एक भोजनमाता भी तैनात हैं।
दसवीं का एकमात्र छात्र फेल
हौरान करने वाली बात यह है कि इतने शिक्षकों की मौजूदगी के बावजूद दसवीं का एकमात्र छात्र न केवल फेल हुआ। बल्कि, उसके अंक भी बेहद निराशाजनक रहे। छात्र को हिंदी में सबसे अधिक 10 अंक मिले। जबकि, बाकी सभी विषयों में स्थिति और भी खराब रही। मामले में शिक्षा विभाग ने संबंधित शिक्षकों से जवाब मांगा है।