उत्तराखण्ड से बड़ी खबर सामने आई है कि प्रदेश के श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने श्रम मंत्रालय को छोड़ने की पेशकश की है। बता दें कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के पश्चात से ही कर्मकार कल्याण बोर्ड की बाग डोर श्रम मंत्री हरक सिंह रावत के हाथों में सौंपी जा चुकी थी। परन्तु ,बीते पूर्व के वर्ष अक्टूबर में अचानक त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में हरक सिंह रावत को बड़ा झटका लगा था।
सरकार द्वारा उन्हे भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी वापस लेते हुए उनकी जगह पर श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल को कर्मकार कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था। तब से श्रम मंत्री और बोर्ड के अध्यक्ष सत्याल के बीच में तलवारें खिंची हुई हैं। जिसके पश्चात से ही शमशेर सिंह सत्याल को हटाये जाने की मांग पर अडिक रावत ने अब श्रम मंत्रालय को ही छोड़ने की पेशकश कर दी है।
डॉ. हरक सिंह रावत के अनुसार वह सीएम धामी से आग्रह भी कर चुके हैं, कि यदि सत्याल ज्यादा काबिल हैं, तो उन्हें ही श्रम मंत्री बना देना चाहिए।बता दें कि श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत निरंतर शमशेर सिंह सत्याल को कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग कर रहे हैं, परन्तु इस विषय पर अभी तक सरकार कोई निर्णय नहीं ले पाई है। इससे भी नाराज चल रहे डॉ. हरक सिंह रावत ने पुनः से सत्याल के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। वहीं, रविवार को मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने श्रम मंत्रालय छोडऩे की पेशकश किए जाने पर खुद जानकारी दी।
उन्होंने ने बताया कि हाल में उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर कहा कि उनको श्रम मंत्रालय से हटाते हुए सत्याल को ही श्रम मंत्री का पद दिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि वह पहले से तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व तीरथ सिंह रावत से भी यही बात कह चुके थे।