उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और एआईसीसी के महासचिव हरीश रावत अब पंजाब प्रदेश प्रभारी का प्रभार छोड़ना चाहते हैं।हरदा ने इसके लिए पोस्ट कोविड इफेक्ट को मुख्य कारण बताया है। इसके अलावा साल 2022 में आगामी विधानसभा चुनाव में वे उत्तराखंड में अपनी सक्रियता बढ़ाना चाहते हैं।
तो वहीं पंजाब मसले पर बैठक के पश्चात पत्रकारों से बातचीत कर पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि जब से वह कोरोना से उबरे हैं, वह तमाम स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से दो चार हो रहे हैं। इसलिए वह थोड़ा आराम भी चाहते हैं। इस संबंध में वह पार्टी आलाकमान से बात करने वाले थे, परन्तु इस बीच पंजाब का मसला आ गया।
वे जल्द ही इस संदर्भ में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर पंजाब का प्रभार उनसे वापस लेने का आग्रह करेंगे। हरदा ने कहा कि जब वह असम के प्रभारी थे तो उन्होंने वहां विकट भौगोलिक परिस्थितियों में कार्य किया। वह प्रत्येक जनपद और तहसील तक घूमे। असम के मुकाबले पंजाब नजदीक होने और दूसरी कई वजहों से सुलभ है, परन्तु अब वह थोड़ा आराम करना चाहते हैं। इसके साथ ही उत्तराखंड कांग्रेस को मजबूत करने की दिशा में कार्य करना चाहते हैं।