देहरादून के सोहन सिंह रावत ने वर्ष 2019 से अब तक उत्तराखण्ड के गढ़वाल क्षेत्र में ही 52,000 कि0मी0 से अधिक की साइकिल यात्रा सम्पूर्ण कर ली है तथा अबतक कुल 53,700 कि0मी0 की यात्रा की है। ग्राम चमाली, जिला पौड़ी गढ़वाल के मूल निवासी तथा देहरादून में निवासरत 54 वर्षीय सोहन सिंह रावत, सीआरपीएफ में निरीक्षक के पद पर तैनात हैं।
इन्होंने अपनी साइकिल यात्राओं को मुख्यतः आध्यात्मिक यात्राओं से जोड़ दिया है। इनकी प्रमुख आध्यात्मिक साइकिल यात्राओं में चार धाम यात्रा, पन्च केदार यात्रा, पन्च प्रयाग, बूढ़ा केदार, बालखिलेश्वर महादेव, देवलसारी महादेव, ताड़केश्वर महादेव, बिन्सर महादेव-थलीसैण ब्लाँक, नीलकंठ महादेव, यमकेश्वर महादेव, महाबगढ़ महादेव, जबरौली महादेव, लाखामण्डल तथा मातारानी के प्रसिद्ध शक्तिपीठों एवं मन्दिर जिनमें माँ सुरकण्डा देवी, चन्द्रबदनी, कुन्जापुरी, ज्वालपा देवी, राजराजेष्वरी-देवलगढ़, भद्रकाली, जणदादेवी, ज्वालामुखी-बिनाक खाल, माँ दीबा-दीबा डांडा शामिल हैं । इन्होंने हनोल, मोरी, नेटवार एवं नाग टिब्बा की भी साइकिल यात्रा की है । साइकिल से पन्च केदार यात्रा करने वाले वे पहले साइकिलिस्ट हैं । सभी यात्राएं देहरादून से ही प्रारम्भ होकर यहीं समाप्त हुइ हैं। इनकी प्रमुख विशेषता यह रही है कि इन्होंने न केवल स्वयं मन्दिरों में दर्शन किए बल्कि अपनी साइकिल को भी सभी मंदिरों में पहुंचाकर दर्शन कराए हैं। हाल ही में इन्होंने अपने साथी साइकिलिस्ट के साथ दयारा बुग्याल तक भी साइकिल पहुंचाई है।
सोहन सिंह रावत रोजाना सुबह 35 से 40 कि0मी0 और साप्ताहिक अवकाश के दिनों मे 100 से 200 कि0मी0 की साइकिलिंग करते हैं । इनकी एक ही दिन में अब तक की सबसे लम्बी साइकिल यात्रा 303 कि0मी0 की है । इनका कहना है कि साइकिलिंग न केवल आपको शारीरिक रूप से फिट रखती है बल्कि आप एकाग्रचित एवं मानसिक रूप से भी सुदृढ़ होते हैं। साइकिलिंग से आप पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान तो देते ही हैं, साथ ही आपको प्रकृति के साथ जुड़ने का भी मौका मिलता है । 54 वर्ष की उम्र में इस प्रकार की साइकिल यात्राएं कर सोहन सिंह रावत एक मिसाल कायम कर रहे हैं और फिट इन्डिया का संदेश दे रहे हैं।