उत्तराखंड में पाई जाने वाली गहत की दाल भला कौन नहीं जानता होगा दाल से बना हुआ फाणू भी बड़े चाव से खाया होगा जी हां हम बात कर रहे हैं कूलत की दाल की मैदानी क्षेत्रों में इससे कूलत नाम से जाना जाता है ,तो वही उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में इस दाल को गहत के नाम से जानते हैं ।
इस दाल का बना फााणू बहुत ही स्वादिष्ट होता है ।इस फणू को सर्दियों में ज्यादा पसंद किया जाता है और जाता है यह एक मात्र दाल ही नहीं है बल्की .बड़े ही औषधीय गुणों से भरपूर दाल है इस दाल से कई रोग ठीक हो जाते हैं । आपको बता दें कि गहत की दाल किडनी की पथरी में एक रामबाण इलाज है । इसका सेवन करने से किडनी की पथरी में लाभ मिलता है गहत में मौजूद फेनोलिक कंपोनेंट , फ्लोवोनोइड्स , स्टेरॉयड और सैपोनिम जैसे कई फाइटो केमिकल्स के गुण मौजूद होते हैं जिस कारण साइंटिफिक स्टडी में इसके मूत्र वर्धक और एंटी यूरोलियासिस गुणों की पुष्टि की गई है ।
आपको बता दें कि इसके साथ ही इस दाल में पाया जाता है । जोकि किडनी स्टोन ठीक करने में मदद करता है ।यही नहीं बल्कि खांसी जुकाम में भी कुलत की दाल आराम दिलाती है ।गहत की दाल वजन घटाने में भी मदद करती है डायरिया या दस्त में भी गहत की दाल का सेवन करने से इस प्रकार की परेशानी ठीक हो जाता है , कब्जा में भी गहत / कूलत की दाल राहत दिलाती है साथ ही डायबिटीज या मधुमेह में गहत की दाल लाभदायक मानी गई है ।
यह दाल औषधीय गुणों से भरपूर है इसका सेवन करने से हर तरह से लाभ मिलता है ।आपको भी इस प्रकार की कोई समस्या हो तो आप ही गहत की दाल का सेवन जरूर करें ।