चमोली: चमोली जिले की नीती घाटी में स्थित टिम्मरसैंण गुफा में बाबा बर्फानी आकार लेने लगे हैं। टिम्मरसैंण गुफा जोशीमठ से लगभग 82 किलोमीटर दूर है।
भारत–चीन सीमा के नजदीक स्थित उत्तराखंड की प्रसिद्ध नीती घाटी इन दिनों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र बनी हुई है। यहां टिम्मरसैंण महादेव गुफा में प्राकृतिक रूप से निर्मित बर्फ का शिवलिंग भक्तों को अद्भुत और दिव्य दर्शन दे रहा है। बर्फ की शिलाओं से निर्मित यह शिवलिंग अपने आकार और सौम्य स्वरूप के कारण लोगों की आस्था का मुख्य आकर्षण बन गया है। प्रतिदिन स्थानीय ग्रामीणों के साथ-साथ देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु टिम्मरसैंण पहुंच रहे हैं।टिम्मरसैंण गुफा नीती गांव के निकट स्थित है और अपनी विशिष्ट प्राकृतिक संरचना के कारण प्रसिद्ध है। सर्दियों के मौसम में, विशेषकर दिसंबर से मार्च तक, गुफा के भीतर जमा होने वाली बर्फ स्वतः ही शिवलिंग का आकार ले लेती है।बर्फानी बाबा के चमत्कारी दृश्य को देखने और बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए हर वर्ष हजारों भक्त यहां का रुख करते हैं। ऊंचाई पर बसे इस शांत पर्वतीय क्षेत्र में आकर भक्तों को अध्यात्म के साथ-साथ प्रकृति की अलौकिक सुंदरता का भी अनुभव होता है।बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए भक्तों ने बताया कि उन्होंने इस पवित्र स्थल के बारे में पहले काफी सुना था, और इस बार यहां आकर उनके मन की इच्छा पूरी हुई। उन्होंने कहा कि गुफा के भीतर शिवलिंग के दिव्य स्वरूप को देखकर उन्हें अत्यंत शांति का अनुभव हुआ।गमशाली गांव से अपने परिवार के साथ पहुंचे रघुवीर सिंह ने भी टिम्मरसैंण गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन किए। उन्होंने बताया कि यह स्थल न केवल मन को आध्यात्मिक सुकून देता है, बल्कि आसपास फैला प्राकृतिक सौंदर्य भी मन मोह लेता है।आपको बता दें कि टिम्मरसैंण गुफा चमोली जिले के जोशीमठ से लगभग 82 किलोमीटर दूर है। यहां आने वाले यात्रियों के लिए गमशाली बांपा और नीती समेत आसपास के गांवों में ठहरने की व्यवस्था की जाती है। कुछ समय पहले तक सिर्फ स्थानीय लोग ही इस जगह के बारे में जानते थे, लेकिन अब यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आने लगे हैं।









