देहरादून: /भारतीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देहरादून-सहारनपुर रेल लाइन के सर्वेक्षण के कार्य को मंजूरी दे दी है। जिसके बाद रेलवे लाइन की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को तैयार करने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया गया है। इस रेल लाइन के निर्माण के बाद देहरादून से सहारनपुर की यात्रा मात्र डेढ़ घंटे में पूरी हो सकेगी।
जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड के देहरादून से उत्तरप्रदेश सहारनपुर तक नई रेल लाइन बिछाने की तैयारी शुरू हो गई है। यह लाइन शाकुंभरी देवी मंदिर के रास्ते से होकर जाएगी। दरअसल केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सहारनपुर से देहरादून तक 81 किमी लंबी रेल लाइन के लिए सर्वे करने की मंजूरी दे दी है। अब इसका नक्शा और पूरी योजना (डीपीआर) बनाने का काम शुरू कर दिया है। मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में बताया कि यह रेल मार्ग धार्मिक और पर्यटन के साथ स्थानीय व्यापार के लिए भी बहुत फायदेमंद होगा।
शिवालिक पहाड़ियों के बीच से होकर गुजरेगा मार्ग
देहरादून-सहारनपुर रेल लाइन के सर्वे को मिली स्वीकृति क्षेत्रीय विकास के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। रेलवे मंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे लगातर यात्री सुविधाओं के विकास में कार्य कर रहा है। इससे पहले, सर्वेक्षण टीम ने हाइड्रोलिक कैलकुलेशन को पूरा किया था। वहीं, जिन स्थानों पर रेल लाइन बिछाई जानी है, वहां मृदा परीक्षण का कार्य भी संपन्न हो चुका है। देहरादून-सहारनपुर रेलमार्ग शिवालिक पहाड़ियों के बीच से होकर गुजरेगा। सर्वे रिपोर्ट में इस मार्ग पर मैदान और शिवालिक की पहाड़ियों से लिए गए मिट्टी के नमूनों में किसी भी प्रकार की बाधा की सामने नहीं आई है।
दो चरणों में बिछाई जाएगी रेलवे लाइन
आपको बता दें कि वर्तमान में देहरादून से सहारनपुर जाने के लिए हरिद्वार के रास्ते यात्रा करनी पड़ती है। इस नई रेलवे लाइन के निर्माण के बाद देहरादून और सहारनपुर के बीच की दूरी 112 किमी से घटकर केवल 81 किमी रह जाएगी। इस रेल लाइन के निर्माण के बाद यह यात्रा मात्र डेढ़ घंटे में पूरी हो सकेगी। इस रेलवे लाइन को दो चरणों में बिछाए जाने की योजना बनाई जा रही है. जिसमें पहले चरण में सहारनपुर से शाकंभरी देवी तक 40 किलोमीटर की रेललाइन बिछाने का प्रस्ताव है। वहीं दूसरे चरण में शाकंभरी देवी से देहरादून के हर्रावाला तक 41 किमी लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी। इस रेलवे लाइन के निर्माण में रेलवे को 11 किलोमीटर लंबी टनल और 106 छोटे-बड़े पुलों का निर्माण करना होगा।