चमोली: उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजे बीते 31 जुलाई को सामने आए हैं। जिसमें कई प्रत्याशियों ने जीत का ताज पहना है तो, वहीं कई प्रत्याशियों को हार का सामना भी करना पड़ा है। इन्हीं में पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी की पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी और भाजपा जिलाध्यक्ष गजपाल बर्तवाल भी पंचायत चुनाव हार गए हैं।
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अंतर्गत पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी की पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी के बीच चमोली ज़िले की रानों ज़िला पंचायत सीट से चुनाव के मैदान में उतरी थी. वहीं रानों सीट से रजनी भंडारी के विपक्ष में पूर्व सैनिक लक्ष्मण खत्री उठे थे. इस पंचायत चुनाव में पूर्व सैनिक लक्ष्मण खत्री ने रजनी भंडारी को 419 वोटों से हराकर बड़ी जीत हासिल की है।
जिलाध्यक्ष गजपाल बर्तवाल भी हार गए चुनाव
आपको बता दें कि भाजपा चमोली जिलाध्यक्ष गजपाल बर्तवाल भी रानों सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे। गजपाल बर्तवाल भी इस चुनावी मुकाबले में हार गए और चौथे स्थान पर आए हैं। वहीं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी की इस हार के राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे हैं। जनता द्वारा रजनी भंडारी की हार को केवल उनकी व्यक्तिगत राजनीतिक स्थिति पर चोट के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि इस हार को उनके पति राजेंद्र भंडारी से भी जोड़ा जा रहा है।
हाल ही में राजेंद्र भंडारी भी हारे थे विधानसभा चुनाव
गौरतलब है कि पंचायत चुनाव प्रत्याशी रजनी भंडारी के पति राजेंद्र भंडारी पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। इसके बाद बदरीनाथ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में वो भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरे, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी लखपत बुटोला ने उन्हें हरा दिया था। अब चमोली की रानों सीट पर राजेन्द्र भंडारी की पत्नी की हार ने भंडारी परिवार की राजनीतिक प्रतिष्ठा को बड़ा झटका दे दिया है।