उत्तराखण्ड राज्य कर मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन कर्मचारियों की 10 सूत्रीय मांगों को लेकर पाचवें दिन भी काली पट्टी बाध कर विरोध प्रदर्शन

उत्तराखण्ड राज्य में कुल राजस्व प्राप्ति में राज्य कर विभाग स्वयं का कर राजस्व हिस्सा लगभग 50 प्रतिशत के रूप में एक बड़ा स्रोत होने के बावजूद राज्य कर विभाग में कर्मचारियों के संरचनात्मक ढ़ाचे को वर्ष 2006-07 के बाद से अभी तक पुनर्गठन नहीं किया गया व इसके विपरीत राज्य कर विभाग, उत्तराखण्ड अधिकारी संवर्ग का वर्ष 2014-2015 एवं वर्ष 2024-2025 तक दो बार पुनः विभागीय संरचनात्मक ढांचे का पुनर्गठन करते हुये काफी अधिक संख्या में अपर आयुक्त पद से लेकर सहायक आयुक्त तक नये पदों एवं कार्यालयों का गठन किया गया है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में उत्तराखण्ड राज्य कर, मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन की प्रान्तीय कार्यकारणी की बैठक दिनांक 06-09-2025 को राज्य कर भवन 23-लक्ष्मी रोड डालनवाला, देहरादून के परिसर में सम्पन्न हुयी। जिसमें लिये गये निर्णय में कर्मचारियों की 10 सूत्रीय मांगो पर कोई सकरात्मक कार्यवाही न होने के कारण आन्दोलन का निर्णय लिया गया।

तत्क्रम में आन्दोलन के द्वितीय चरण में आज पाचवें दिन दिनोंक 10.10.2025 उत्तराखण्ड राज्य कर मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन, शाखा मुख्यालय के अध्यक्ष जसवन्त खोलिया और शाखा मंत्री पिंकेश रावत के नेतृत्व में मुख्यालय के समस्त कर्मचारियों द्वारा 10 सूत्रीय लंबित मांगो पर आतिथि तक लम्बित रहने के कारण काली पट्टी बाध कर राजकीय काम-काज करते हुए सरकार और शासन का विरोध व्यक्त किया। विरोध प्रदर्शन में प्रांतीय सलाहकार श्री मनमोहन नेगी जी, श्रीटीका राम सती. श्री बिरेन्द्र तोमर, श्री भूपेन्द्र सिंह भण्डारी, श्री अनुज जैन, श्री आशीष चन्द्र, श्री विकास पंवार, श्री अनुराग चंचल, अनुराग असवाल, श्री अरविन्द्र चौहान, श्री अमित कोठारी… श्री संजय, श्री दिपेन्द्र श्री रोजी सिंह, श्री मुकेश, यशवीर इत्यादि उपस्थित रहे।

राज्य कर मिनिस्ट्रीयल कार्मिकों की 10 सूत्रीय लंबित मांगों मुख्य रूप से कर्मचारी ढांचे का पुनर्गठन, राज्य कर अधिकारियों की नयी नियमावली बनाने, राज्य कर अधिकारियों की समय से पदोन्नति, परित्याग नियमावली (Forgo) से विभाग को अवमुक्त करने, कार्मिकों के आवास आदि मांग सम्मिलित है।

वर्तमान मे राज्य कर विभाग में अधिकारी संगर्ग में कुल स्वीकृत 481 पदों/कार्यालयों के सापेक्ष कर्मचारियों की कुल स्वीकृत पदों की संख्या मात्र 777 है। जो राज्य कर विभाग में सरकारी कार्यालयों के लिये पिरामिड हायर संरचना के बिल्कुल विपरीत स्थिति को प्रदर्शित कर रही है। सरकार व शासन द्वारा कर्मचारियों के ढांचे के पुनर्गठन पर पक्षपातपूर्ण, संरक्षणवादी रवैया बेहद खेदजनक है। कर्मचारियों का अंतिम बार ढांचा वर्ष 2006 में स्वीकृत हुआ था और विगत 20 वर्षों से अपने संरचनात्मक ढांचे का पुनर्गठन के लिए संघर्षरत है। जबकि 01 जुलाई 2017 से जी०एस०टी लागू होने से पूर्व विभगा में कुल पंजीकृत व्यापरियों की संख्या लगभग 1 लाख के करीब थी जो कि जीएसटी लागू होने के पश्चात आज लगभग 2 लाख 13 हजार हो गयी है। पंजीकृत व्यापारियों की संख्या में वृद्धि के फलस्वरूप राज्य कर विभाग में कर्मचारियों पर काम का अत्यधिक दवाब बना हुआ है जिस कारण कार्मिक मानसिक रूप से परेशान है। उपरोक्त समस्त कार्मिक हितों की मांगों पर दिनांक 16.09.2025 तक सकारात्मक कार्यवाही नहीं होती है तो उत्तराखण्ड राज्य कर मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन मुख्यालय सहित सम्पूर्ण प्रदेश की शाखाओं में दिनांक 17 अक्टूबर 2025 को सभी कार्यालयों में विरोध स्वरूप 11 बजे से 12 तक एक घण्टे गेट मीटिंग की जाएगी। 0

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here