शहर में परिवहन विभाग के अधिकारी एक दिन सार्वजनिक वाहनों में चले और सच सामने आया तो पूरा विभाग हरकत में आ गया। हालांकि, जनता तो रोजाना ही सार्वजनिक परिवहन सेवा की इस बदहाल व्यवस्था को झेल रही थी, लेकिन जब परिवहन विभाग के अधिकारियों व कार्मिकों ने यह ‘दर्द’ झेला तो व्यवस्था में सुधार के प्रयास भी शुरू हो गए।
सिटी बसों, विक्रम, टाटा मैजिक में ओवरलोडिंग, महिला यात्रियों से बदसलूकी, सीटें फटी हुई, बेलगाम गति, चालकों का धूमपान करते हुए संचालन, महिलाओं के लिए सीट आरक्षित होने के बावजूद अनुपालन न होने और मनमाना किराया वसूलने की शिकायतों का संज्ञान लेकर आरटीओ (प्रशासन) संदीप सैनी ने सुधार के लिए वाहन संचालकों को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है। सुधार न होने पर वाहनों की फिटनेस निरस्त करने के निर्देश प्रवर्तन टीमों को दिए गए हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस यानी पांच जून से आरटीओ संदीप सैनी ने अपने कार्यालय में यह व्यवस्था लागू की है कि अब हर गुरुवार को आरटीओ अधिकारी व कर्मचारी सार्वजनिक वाहनों से कार्यालय आएंगे व शाम को उसी से वापस जाएंगे। जब, पहली बार गत गुरुवार को आरटीओ कार्मिक सार्वजनिक वाहनों में सवार हुए तो हर कदम पर अव्यवस्था मिली। स्थिति यह रही कि जिस टाटा मैजिक में आरटीओ सवार थे, उसमें ओवरलोडिंग के साथ ही चालक मोबाइल पर बात करते हुए व बीड़ी पीते हुए अनियंत्रित तरीके से वाहन चला रहा था।आरटीओ ने सभी वाहन संचालकों से 10 दिवस के अंदर अपने वाहनों की यांत्रिक एवं भौतिक स्थिति चाक चौबंद करने के निर्देश दिए। चेतावनी दी गई किसी भी दशा में वाहन में स्वीकृत क्षमता से अधिक सवारियों का परिवहन नहीं किया जाए।
प्रतिनिधियों से यह अपेक्षा की गई वह अपने संगठन के समस्त वाहन स्वामियों व चालकों को यह अवगत करा दें की वह अपने वाहन में महिलाओं के लिए पृथक से सीट आरक्षित/ व्यवस्था करना सुनिश्चित कर लें। ऐसा न करने पर 10 दिन के पश्चात सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी एवं संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) की टीम को यात्री वाहनों की चेकिंग करने और दशा ठीक न पाए जाने पर फिटनेस निरस्त करने की चेतावनी दी गई।









