हरिद्वार। पूर्व सीएम हरीश रावत इकबालपुर चीनी मिल में समर्थकों संग किसानों के बकाया भुगतान को लेकर वह धरने पर बैठे हैं। मंगलवार से शुरू हुआ धरना 24 घंटे का हैं। इसलिए हरदा ने रात मच्छरदानी के बीच गुजारी और फिर सुबह उठते ही हैडपंप के नीचे नहाने बैठ गए। वहीं, उत्तराखंड की सियासत में पूर्व सीएम हरीश रावत का यह पैंतरा सत्ता के साथ-साथ अपनों को भी थोड़ा बैचेन कर रहा है। हरिद्वार में उनकी लगातार बढ़ रही सक्रियता लोकसभा चुनाव की तरफ इशारा करती है। वह पूर्व में इस सीट से सांसद बनने के साथ केंद्रीय मंत्री की कुर्सी तक भी पहुंचे थे।
पूर्व सीएम हरीश रावत अपने बयान और दिनचर्या को लेकर इंटरनेट मीडिया पर खासा सक्रिय रहते हैं। उनके पास हर सवाल का जवाब है मगर अपने अंदाज में। राज्य की सियासत में उनके बयान कभी-कभार कांग्रेस को भी असहज कर देते हैं। काफल, आम, माल्टा, नींबू पार्टी के लिए भी उन्हें जाना जाता है।अब बात हरिद्वार की करते हैं। हरदा खुद को कई बार हरिद्वारी श्लालश् भी बता चुके हैं। लेकिन पिछले दिनों पूर्व मंत्री हरीश सिंह रावत इस सीट पर सक्रिय नजर आए। 2024 का लोकसभा चुनाव वह भी लड़ना चाहते हैं। लेकिन अब हरदा ने फिर से एंट्री मारी है। इसलिए मच्छरदानी और हैडपंप वाला दृश्य भी देखने को मिल रहा है। हालांकि, कुछ माह पूर्व वह हरिद्वार ग्रामीण से विधायक बेटी अनुपमा रावत संग एक थाने के बाहर भी 24 घंटे धरने पर बैठ चुके हैं।