देहरादून। उत्तराखंड के सबसे अनुभवी नेता पूर्व सीएम हरीश रावत के इस बयान से सूबे की राजनीति में हड़कम्प की स्थिति पैदा हो गई। जिसमें उन्होंने कहा है कि भाजपा 2024 के चुनाव में अपने किसी भी वर्तमान सांसद को टिकट नहीं देगी सभी के टिकट काटे जाएंगे।
उनके इस बयान के बारे में जब उनसे पूछा गया कि उन्हें इसकी जानकारी कैसे और कहां से मिली जिसके आधार पर वह यह दावा कर रहे हैं तो इस पर उनका कहना है कि वह राज्य भर में शहरकृशहर, गांवकृगांव घूमते हैं उन्हें पता है कि भाजपा के सांसदों के खिलाफ किस तरह एंटी इन्कैम्बसी है यह बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व भी जानता है इसलिए भाजपा अपने किसी भी वर्तमान सांसद को 2024 के चुनाव में नहीं उतारेगी और सभी पांचो सांसदों के टिकट काटे जाने तय हैं।
भले ही यह बात हरीश रावत ने अपने राजनीतिक अनुभव के चलते कहीं हो या फिर यह उनका एक सियासी बयान हो लेकिन भाजपा के अंदर कहीं न कहीं इस बात को लेकर विचार मंथन का दौर भी जारी है क्योंकि बीते दो चुनावों से भाजपा के सभी पांचो सांसद चुनाव जीतते आए हैं और 10 साल की एंटी इन्कैम्बसी का प्रभाव भी कम नहीं होता है हरीश रावत का इस तरह का बयान देने का क्या औचित्य है यह तो वही जान सकते हैं लेकिन उनके इस बयान ने न सिर्फ भाजपा सांसदों को बल्कि पार्टी के अंदर कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे दिया है। हरीश रावत का कहना है कि उन्हें भाजपा के सभी सांसदों से गहरी सहानुभूति है उनकी संवेदनाएं उनके साथ है। उनका कहना है कि हरिद्वार मेरे लिए तो मेरी राजनीतिक कर्मभूमि है यही कारण है कि मैं हरिद्वार के किसानों की लड़ाई लड़ रहा हूं। वही इन्वेस्टर्स समिट के बारे में पूछे गए सवाल के बारे में उनका कहना है कि अगर प्रदेश में निवेश आता है तो वह भी इसकी खुशी मनाएंगे लेकिन 2018 के समिट के जो नतीजे हमारे सामने हैं वह अच्छे नहीं रहे हैं पहले आप कुछ अच्छा कर लो स्वागत और खुशियां तो सब मनायी ही जाती रहेगी।