विगत वर्षो की भांति इस वर्ष भी सेब की फसल चौपट आपको बता दें पिछले 2 सालों से ऊंचाई वाले ग्रामीण इलाकों में सेब की फसल चौपट हो रही है। जिससे किसानों में काफी मायूसी देखी जा रही है, बता दें कि जोशीमठ के ऊपरी इलाकों के ग्रामीण अधिकांश लोग सेव की पैदावार करते हैं। जो किसान साल भर अपने बगीचों में काफी मेहनत करते हैं। महंगे महंगे अपने बगीचों में दवाई का छिड़काव करते हैं, लेकिन इस बार भी किसान काफी परेशान नजर आ रहे हैं, हालांकि कुछ पेड़ पर ठीक-ठाक सेब नजर आ रहे हैं। लेकिन किसी किसी पेड़ पर नाम मात्र सेब दिखाई दे रहे हैं, किसानों का कहना है कि इस वर्ष भी पहाड़ों में बर्फबारी बहुत कम देखने को मिली, जिसका असर सीधा सेब के बगीचों पर पड़ गई। जिससे इस वर्ष भी सेब की फसल बहुत कम देखी जा रही है, सभी ग्रामीण इलाकों में इस बार नाम मात्र सेब पेड़ों पर दिखाई दे रहे हैं। आपको बता दें जोशीमठ के लगभग लगभग सभी ग्रामीण इलाकों में कई ब्राइटी के सेब की पैदावार होती है, जिससे यहां के किसान अच्छे पैदावार होने पर अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं, लेकिन इस बार भी किसानों के चेहरे पर मुस्कुराहट की जगह मायूसी साफ देखी जा रही है। आप तस्वीरों के माध्यम से देख सकते हैं कि किस प्रकार जोशीमठ विकासखंड के सभी ऊंचाई वाले ग्रामीण इलाकों में किस प्रकार सेब बगीचों में देखे जा सकते हैं, बस गिने-चुने पेड़ों पर सेब की फसल देखी जा रही है, बता दें कि सेब की पैदावार सबसे ज्यादा बड़ागांव, मेर ग, पर सारी, डाक, तपोवन, उर गम, सुनील औली, झेलम, आदि ग्रामीण इलाकों में सेब की हर साल बंपर पैदावार होती थी, लेकिन इस बार गिने-चुने सेब ही पेड़ों पर नजर आ रहे हैं।
naveen bhandari